#21days_course
Day - 4
कैसी शब्दावली का प्रयोग करें?
उत्तर लिखने में भाषा-शैली की सरलता एवं सहजता बनाए रखना चाहिये। शब्दों के चयन में इतनी सावधानी बरतना अनिवार्य है कि उत्तर की गरिमा से समझौता न हो।उर्दू, फारसी परंपरा के शब्दों का प्रयोग निबंध में तो कुछ मात्रा में किया जा सकता है किंतु सामान्य अध्ययन के प्रश्नपत्रों में ऐसी भाषा के प्रयोग से बचना चाहिये। अंग्रेज़ी की शब्दावली का प्रयोग करने में समस्याएँ कम हैं। जहाँ भी कोई जटिल, तकनीकी शब्द पहली बार आए, वहाँ आपको कोष्ठक में अंग्रेज़ी का शब्द भी लिख देना चाहिये। कोष्ठक में लिखते समय आप रोमन लिपि का प्रयोग कर सकते हैं। अगर आप अंग्रेज़ी के किसी तकनीकी शब्द का प्रयोग देवनागरी लिपि में करते हैं तो उसके लिये कोष्ठक की ज़रूरत नहीं है। किंतु ध्यान रखें कि इस सुविधा का प्रयोग केवल बहुत ज़रूरी शब्दों के लिये ही किया जाना चाहिये। अगर अंग्रेज़ी शब्दों का प्रयोग सामान्य अनुपात से अधिक मात्रा में हुआ तो परीक्षक के मस्तिष्क पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है।परीक्षा में सामान्यतः उस शब्दावली को अधिक महत्त्व दें जो संस्कृत मूल की अर्थात् तत्सम् है। ऐसी शब्दावली प्रायः अधिक औपचारिक मानी जाती है और परीक्षा के अनुशासन को देखते हुए परीक्षक इसे उचित समझते हैं। उदाहरण के लिये, ‘प्रधानमंत्री जी अस्वस्थ्य है’ कहने में जो औपचारिकता है, वह यह कहने में नहीं है कि ‘वज़ीरे आज़म साहब की तबीयत नासाज़ है।’ इसलिये जहाँ तक संभव हो, अपनी शब्दावली को सरल, सहज किंतु तत्समी बनाए रखने का प्रयास करें।
भूमिका आदि लिखें या नहीं?
अभ्यर्थियों को इस प्रश्न पर भी पर्याप्त संदेह रहता है कि उन्हें अपने उत्तर की शुरुआत में भूमिका लिखनी चाहिये अथवा नहीं? इसी प्रकार, उत्तर के अंत में निष्कर्ष की आवश्यकता को लेकर भी संदेह बना रहता है।आजकल सामान्य अध्ययन और वैकल्पिक विषयों में 200-250 शब्दों से अधिक शब्द-सीमा वाले उत्तर नहीं पूछे जाते हैं। इसलिये, आजकल यह मानकर चलना ठीक है कि बिना किसी औपचारिक भूमिका के आप सीधे अपने उत्तर की शुरुआत कर सकते हैं। उत्तर का पहला एकाध वाक्य ऐसा रखना चाहिये जो भूमिका की ज़रूरत को पूरा कर दे। अगर प्रश्न किसी विवाद पर आधारित है तो एक-दो पंक्तियों का निष्कर्ष भी दिया जाना चाहिये किंतु सामान्य तथ्यात्मक प्रश्नों में निष्कर्ष की कोई आवश्यकता नहीं है।उदाहरण के लिये, अगर प्रश्न है कि ‘स्वतंत्रता संग्राम में महात्मा गांधी और डॉ. अंबेडकर के तुलनात्मक योगदान पर चर्चा करें’ तो उसकी संक्षिप्त भूमिका और निष्कर्ष क्रमशः इस प्रकार हो सकते हैं-भूमिकाः भारतीय स्वतंत्रता संग्राम की मुख्यधारा का नेतृत्व यदि महात्मा गांधी कर रहे थे तो उसी समय डॉ. अम्बेडकर सदियों से वंचित दलित व आदिवासी समुदाय को मुख्यधारा में जोड़ने की कोशिश कर रहे थे। इन दोनों महान नेताओं के बीच तुलना के प्रमुख बिंदु निम्नलिखित हैं-निष्कर्षः सार यह है कि यदि महात्मा गांधी की बड़ी भूमिका भारत को अंग्रेज़ों से आज़ाद कराने में थी तो डॉ. अंबेडकर की भूमिका हमें रूढ़ियों और शोषण से आज़ाद कराने में थी।
उत्तर के प्रस्तुतीकरण को आकर्षक बनाना
उत्तर-लेखन का अंतिम पक्ष यह है कि हम अपने उत्तर को ज़्यादा सुंदर व प्रभावशाली कैसे बना सकते हैं? इसके कुछ प्रमुख सूत्र इस प्रकार हैं-
उत्तर के सबसे महत्त्वपूर्ण शब्दों तथा वाक्यों को रेखांकित करना न भूलें, पर यह ध्यान रखें कि रेखांकन का प्रयोग जितनी कम मात्रा में करेंगे, उसका प्रभाव उतना ही अधिक होगा। कई विद्यार्थी लगभग हर पंक्ति को ही रेखांकित कर देते हैं जिसका कोई लाभ नहीं मिलता।अभ्यर्थी को चाहिये कि वह काले और नीले दो रंगों के पेन का प्रयोग करे। जैसे वह नीले पेन से उत्तर लिख सकता है और काले पेन से महत्त्वपूर्ण हिस्सों को रेखांकित कर सकता है। पर यह ध्यान रखें कि इन दोनों रंगों के अलावा अन्य किसी भी रंग के पेन का प्रयोग करना नियम के विरुद्ध है। आपकी लिखावट (हैंडराइटिंग) जितनी साफ-सुथरी होगी, आपको अधिक अंक मिलने की संभावना उतनी ही अधिक होगी। अच्छी हैंडराइटिंग से एक मनोवैज्ञानिक लाभ मिल जाता है जो अंततः अंकों के लाभ में परिणत होता है। अगर आपकी हैंडराइटिंग साफ नहीं है तो नुकसान होना तय है। इसलिये, अभी से कोशिश कीजिये कि हैंडराइटिंग कम से कम ऐसी ज़रूर हो जाए कि उसे पढ़ते हुए परीक्षक को तनाव या सिर-दर्द न हो।अपने शब्दों तथा पंक्तियों के मध्य खाली स्थान इस तरह से छोड़ें कि आपकी उत्तर-पुस्तिका आकर्षक नज़र आए। दो पंक्तियों के बीच में जितना गैप छोड़ते हैं, दो पैराग्राफ के बीच में उससे कुछ ज़्यादा गैप छोड़ें ताकि दूर से देखकर ही यह समझ आ जाए कि कहाँ से नया पैराग्राफ शुरू हो रहा है। इसी प्रकार, हर नया पैराग्राफ लगभग एक ही स्केल से शुरू करें। बाईं तरफ, जहाँ से लिखने का स्थान शुरू होता है, वहाँ से लगभग दो शब्दों का खाली स्थान छोड़कर पैराग्राफ शुरू क रना चाहिये और सभी पैराग्राफ उसी बिंदु से शुरू किये जाने चाहियें।
परीक्षा में समय प्रबंधन
मुख्य परीक्षा के प्रायः सभी प्रश्नपत्रों में एक बड़ी समस्या यह भी आती है कि तीन घंटों में सभी प्रश्नों का उत्तर कैसे लिखा जाए? प्रत्येक प्रश्न को कितना समय दिया जाए? सभी प्रश्न किये जाएँ या कुछ को छोड़ दिया जाए? आदि आदि। कुछ लोगों का मानना है कि परीक्षा में समय का विभाजन प्रत्येक प्रश्न के लिये बराबर होना चाहिये किंतु मनोवैज्ञानिक स्तर पर इस बात को सही नहीं माना जा सकता।
शुरुआती उत्तरों का प्रभाव ज़्यादा महत्त्वपूर्ण होता है और अंत तक उस प्रभाव के आधार पर लाभ या नुकसान होता रहता है। इसलिये, शुरुआती कुछ प्रश्नों पर तुलनात्मक रूप से अधिक समय दिया जाना चाहिये।परीक्षा के अंतिम एक घंटे में अभ्यर्थी की सोचने और लिखने की गति अभूतपूर्व तरीके से बढ़ चुकी होती है। इसलिये, अंतिम कुछ प्रश्नों को तुलनात्मक रूप से कम समय मिले तो भी चिंता नहीं करनी चाहिये।हो सकता है कि आप परीक्षा में समय प्रबंधन की इस रणनीति पर पूरी तरह न चल सकें और अंतिम समय में कई प्रश्न बचे रह जाएँ। जैसे मान लीजिये कि समय सिर्फ 20 मिनट रह गया हो और प्रश्न 5 या 6 बचे हुए हों। ऐसी स्थिति में भी कोशिश यही रहनी चाहिये कि कोई प्रश्न छूटे नहीं। अगर आप सभी प्रश्नों में सिर्फ फ्लो-चार्ट या डायग्राम के माध्यम से महत्त्वपूर्ण बिंदु भी लिख देंगे तो भी आपको ठीक-ठाक अंक मिलने की संभावना रहती है । उत्तर-पुस्तिका के अंतिम हिस्से तक पहुँचते- पहुँचते परीक्षक के मन में अभ्यर्थी के बारे में एक राय बन चुकी होती है और अंकों का निर्धारण प्रायः उस राय के आधार पर ही हो रहा होता है। अगर आपके बारे में पहले ही अच्छी राय बन गई है तो अंतिम कुछ प्रश्नों में डायग्राम या सिर्फ बिंदु देखकर भी परीक्षक अच्छे अंक दे देगा क्योंकि वह आपके पक्ष में सकारात्मक अभिवृत्ति बना चुका होता है। लेकिन अगर आप कुछ प्रश्न पूरी तरह छोड़ देंगे तो वह चाहकर भी आपको अंक नहीं दे सकेगा क्योंकि आपने उसे अपने विवेकाधिकार का इस्तेमाल करने का मौका ही नहीं दिया। सार यह है कि कोशिश करनी चाहिये कि एक भी प्रश्न छूटे नहीं। हाँ, जो प्रश्न अभ्यर्थी को आता ही नहीं है, वह तो उसे छोड़ना ही होगा।अगर आप उपरोक्त सभी बिन्दुओं को ध्यान रखते हुए उत्तर लिखते हैं तो निश्चित रुप से आपका उत्तर श्रेष्ठ होगा और आप अच्छे अंक प्राप्त कर सकेंगे, जिससे आपकी सफलता की संभावना बढ़ जाएगी
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